वक्त बदल रहा है कुछ बातों को भूल जा। वक्त बदल रहा है कुछ बातों को भूल जा।
किरण पड़ी सरोवर पर,वो भी गया चमक पत्ता-पत्ता, बूटी-बूटी खेले ,खेल संग-संग किरण पड़ी सरोवर पर,वो भी गया चमक पत्ता-पत्ता, बूटी-बूटी खेले ,खेल संग-संग
भारत था कभी स्वर्णिम पक्षी,गर्व अभी तक होता है। स्वर्गिक उज्ज्वल सा भविष्य,सबकी पलकों में सोता है... भारत था कभी स्वर्णिम पक्षी,गर्व अभी तक होता है। स्वर्गिक उज्ज्वल सा भविष्य,सब...
मैं पर्दे के इस पार खड़ा तू पर्दे के उस पार प्रिये। मैं पर्दे के इस पार खड़ा तू पर्दे के उस पार प्रिये।
लोग तो बहुतेरे है बहुतायत है बस उनमें इंसान कितने हैं सब इसी उलझन में घिरे हैं। लोग तो बहुतेरे है बहुतायत है बस उनमें इंसान कितने हैं सब इसी उलझन में घ...
भूल जा, कोइ छूटा अपना, दिल का कोइ टूटा सपना । भूल जा, कोइ छूटा अपना, दिल का कोइ टूटा सपना ।